सूरजपुर पेड़ से बच्चे को लटकाने के मामले में जिले में बवाल—ABVP ने कलेक्टर ऑफिस का मेन गेट तोड़ा, पुलिस बल तैनात।

क्रूरता पर फूटा गुस्सा—एक तरफ अभाविप का उग्र प्रदर्शन, दूसरी ओर पालकों ने स्कूल की मान्यता बचाने की लगाई गुहार

सूरजपुर।

जिले के रामानुजनगर क्षेत्र में केजी-टू के छात्र को होमवर्क नहीं करने पर पेड़ से लटकाने और मसिरा हाईस्कूल में छात्रों के बैग फेंकने की घटना को लेकर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने कलेक्टर कार्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया। ज्ञापन देने पहुंचे अभाविप कार्यकर्ता जबरन डीईओ ऑफिस के अंदर घुसने की कोशिश में कलेक्टर कार्यालय का मेन गेट तोड़ बैठे। गेट टूटने के बाद कार्यकर्ता वहीं बैठकर जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और उन्हें बाहर बुलाने की मांग पर अड़े रहे।
स्थिति को नियंत्रण में रखने पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया है।

एसडीएम शिवानी जायसवाल का सख्त तेवर

मामले की सूचना पर एसडीएम शिवानी जायसवाल मौके पर पहुंचीं। गुस्से में भरी एसडीएम ने कार्यकर्ताओं को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा—“विरोध करने का भी तरीका होता है, आग लगा दो क्या?” उन्होंने समझाइश दी कि अपनी बात शांति से भी रखी जा सकती है, उग्रता समाधान नहीं है।

पालक पहुंचे कलेक्टर ऑफिस—स्कूल की मान्यता बचाने की गुहार

इधर, जिस मामले में नर्सरी के मासूम को रस्सी से पेड़ पर लटकाया गया था, उसके परिजन और अन्य पालक कांग्रेस नेत्री शशि सिंह के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए स्कूल की मान्यता बरकरार रखी जाए। पालकों का कहना था कि स्कूल बंद करने से मासूम छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ेगा।

हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान—सचिव स्कूल शिक्षा से मांगा जवाब

यह मामला रामानुजनगर ब्लॉक के नारायणपुर स्थित हंसवानी विद्या मंदिर का है। वीडियो वायरल होते ही हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए स्कूल शिक्षा सचिव से शपथ पत्र में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 9 दिसंबर को तय हुई है।

शिक्षिका बर्खास्त, स्कूल पर मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई जारी

शिक्षा विभाग ने कोर्ट को बताया है कि आरोपी शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही स्कूल की मान्यता समाप्त करने की नोटिस जारी कर दी गई है।
कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि “शिक्षा के नाम पर क्रूरता और स्कूलों में अव्यवस्था असहनीय है, इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”

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